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Showing posts from August, 2018

ज़िंदगी कोई भ्रम नही बेहद खूबसूरत जब तक उतना ही माँगे जीतने की है ज़रूरत

ज़िंदगी कोई भ्रम नही बेहद खूबसूरत जब तक उतना ही माँगे जीतने की है ज़रूरत 

उसकी शक्सियत का लिबास फीका था पर वो मेरे लिए ही जीता था

उसकी शक्सियत का लिबास फीका था पर वो मेरे लिए ही जीता था मैं ही समझ ना पाया नादान कैसे छू लेता था आसमान , आज टूटा तो इल्म हुआ कि वो दुआएँ सिलता और मुझे मुकाम मिलता............. अदभुद था ये एक तरफ़ा प्रेम का बंधन मैं कर्ज़दार उसका तब समझा जब छूट गया तन...........

दर्द नही आँखों में दास्तान है सुन ले कोई गुज़ारिश है अब टूट रहा इनके पीछे छुपा बाँध है

दर्द नही आँखों में दास्तान है सुन ले कोई गुज़ारिश है अब टूट रहा इनके पीछे छुपा बाँध है

मेरा वक़्त नही बीत रहा था जानते हो क्यों क्योंकि में समय को जीत रहा था

मेरा वक़्त नही बीत रहा था जानते हो क्यों क्योंकि में समय को जीत रहा था

एकेला ही खुश था मैं और अब रहूँगा क्योंकि मंज़ूर नही तुम सब के साथ दो पल बिताने को सवालों के कठघरे में रोज़ रोज़ खुद को तुलवाने को ...........

एकेला ही खुश था मैं और अब रहूँगा क्योंकि मंज़ूर नही तुम सब के साथ दो पल बिताने को सवालों के कठघरे में रोज़ रोज़ खुद को तुलवाने को ...........

माँ के आँसुओं से आवाज़ आई जिसके लिए मैं सारी दुनिया से लड़ी तोड़ गई मुझे उसकी जुदाई ....

माँ के आँसुओं से आवाज़ आई जिसके लिए मैं सारी दुनिया से लड़ी तोड़ गई मुझे उसकी जुदाई .... माँ की लाचारी बेटे की नज़रे फिर भी  ना समझ पाई जब उसको तकलीफ़ में देख माँ की आँख भर आई ................. हे मेरे प्रभु माँ तूने ऐसी क्यों बनाई ....................

वो छू गए आकाश वो हैं देश का प्रकाश,

स्वतंत्रता दिवस की शुभ कामनाएँ  आओ देश की वीरों को याद कर कुछ वक़्त उनके नाम कर जाएँ , वो छू गए आकाश वो हैं देश का प्रकाश, वो अमर हैं वो दुश्मनो के लिए भंवर है, शान है तिरंगे की पहचान हैं माँ गांगे की, अनगिनत नमन भी कम है भारतीय सैनिक में इतना दम है आओ मिलकर हर उन चरणों की मिट्टी माथे पर लगाते हैं जो माँ- बाबा अपने लाल को ऐसी शिक्षा दे पाते हैं...... जय हिंद जय भारत 

माँ थी तो आँगन में कढ़ी चावल बना मिलता था आज बिन माँ के आँगन पहुँची हूँ तो बाबुल बैठा अपना दर्द सिलता था ...............

माँ आँसुओं की आवाज़ सुन लेती थी माँ चीखती आवाज़ की वजह बुन लेती थी माँ मुझे सितारे गिन कर दिखा देती थी माँ हर सपने को सुनेहरा बना देती थी माँ थी तो आँगन में कढ़ी चावल बना मिलता था आज बिन माँ के आँगन पहुँची हूँ तो बाबुल बैठा अपना दर्द सिलता था ...............

मुझे जाना है उस डगर जिसका पता नही....... मंज़िल बेख़बर है यारों पर जुड़ा नही...............

मुझे जाना है उस डगर जिसका पता नही....... मंज़िल बेख़बर है यारों पर जुड़ा नही...............

दुख है क्योंकि सुख है.... अर्थ दोनो ही संयुक्त है

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ज़िंदगी तब तक ही मज़ेदार है जब तक दोस्तों के साथ बिताए वक़्त की हिस्सेदार है..........

HAPPY FRIENDSHIP DAY गिर गया तो संभाल लेते हैं फँस जाउँ निकाल देते हैं, खबर ना दूँ तो भी आ जाते हैं फिर पीट कर मल्हम लगा जातें हैं कमीने हैं पर दिल के यार है सच कहूँ ज़िंदगी तब तक ही मज़ेदार है जब तक दोस्तों के साथ बिताए वक़्त की हिस्सेदार है..........

वो पक्षी अंजाने में मेरी डूबती कश्ती को बचा गया जानवर होकर भी वो एक टूटते मनुष्य को चला गया...

कुछ बातों के भवर में मैं धंस गया था इसलिए रास्तों पर फँस गया था एक अपंग पक्षी तभी तभी मेरी नज़रों के समक्ष धीरे धीरे उड़ गया मेरे सवालों के उत्तर से जुड़ गया कि चोट खा कर जो पड़ा रहे वो सदा परिस्थितियों से घिरा रहे जो चोट खा कर चलने का प्रयास करे वो जीवन में सदा आगे बड़े .................... वो पक्षी अंजाने में मेरी डूबती कश्ती को बचा गया जानवर होकर भी वो एक टूटते मनुष्य को चला गया...

मुसाफिर ही सही.....

माना मैं कबीरा नही माना मैं कोई हीरा नही , पर मुझमे भी तू ही है तुझमे भी मैं हूँ अंतर कर्मों का सही ............... एक दिन तो एक होंगे यक़ीनन उस दिन के इंतेज़ार में चल पड़ा हूँ मुसाफिर ही सही................