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Showing posts from May, 2016

मुझे खुद से मिलवाने के लिया तेरा शुक्रिया

मुझे खुद से मिलवाने के लिया तेरा शुक्रिया किस तरह अदा कारू मैं तो अधूरी जी रही थी सपनो को सिर्फ़ सी रही थी तुमने उनमें पंख लगा दिए मैनें सिर्फ़ सपने सजाए थे तुमने उन्हें आसमान छुआ दिए...

सिखाता है पानी

सिखाता है पानी किस तरह अपनी जगह बनानी बहते चले जाओ जैसे हो निर्झर झरना जहाँ मिले जगह थमना 

सिखाता है पानी

सिखाता है पानी किस तरह अपनी जगह बनानी बहते चले जाओ जैसे हो निर्झर झरना जहाँ मिले जगह थमना 

तज़ुर्बे ज़िंदगी के हर पल हमे सीखते हैं

तज़ुर्बे ज़िंदगी के हर पल हमे सीखते हैं कुछ अपनो के पास ले जाते हैं कुछ अपनो को पास ले आतें हैं...........

समुंदर की गहराई

समुंदर की गहराई माँ के आँचल की लंबाई कभी नापने की कोशिश मत करना जीवन बीत जाएगा पर तू नही जीत पाएगा...

कहाँ कहाँ घूम रहा हूँ

कहाँ कहाँ घूम रहा हूँ दर बदर तुझे ढूड़ रहा हूँ हर एक तिनके से ......भी तेरी खबर माँग गवाह है सूरज ...और चाँद, खामोशियाँ तोड़ दे गुज़ारिश है तुझसे इस रास्ते को छोड़ दे......... लौट आ मैं तेरे इंतज़ार मैं बैठा हूँ जैसा भी हूँ ....मुझे पता है तेरे दिल में मैं ही रहता हूँ

देह्शिय्त मौत की नहीं

देह्शिय्त मौत की नहीं ख़ौफ़ ज़िंदगी का सताता है ए खुदा के बंदे जो तेरे हाथ मैं नहीं तू सोच कर उसके बारे में क्यूँ जी दुखाता है, वास्तविकता को स्वीकार कर मौत का भी ना तिरस्कार कर, ये तो सबको एक दिन है आनी बन जानी एक नई कहानी जो तेरा ना है वो मिट्टी में मिल जाएगा बस तेरा वजूद ही तेरे मरने के बाद ज़िंदा रह जाएगा.

गुरु की शान

गुरु की शान गुरु का गुणगान गुरु की महिमा गुरु का सम्मान जितना भी करें कम है गुरु के के कृपा में इतना दम है जन्‍मदिन मुबारक गुरुजी

सूरज की किरने रास्ता ढूंडे

सूरज की किरने रास्ता ढूंडे कभी खिड़की से झाँके तुझे कभी तेरी मुंडेर पर झूमें, तेरे इंतेज़ार मैं तू छुपी बैठी है किसकी आड़ में की तुझे ज़िंदा होना है तुझे फिर परिंदा होना, क्युकि तूफ़ानो से डर कर बैठा नहीं करते उन किताबो के पन्नो को मोड़ आगे भड़ते, जब वक़्त आता है तब कफ्न भी पहनने देता हूँ पर इसतरह जलने नही देता हूँ सूरज

तुम कहो

तुम कहो मैं सुनु किताब के हर पन्ने में एक कहानी रचु, जो छू सके दिल को किसी के भी ताकी जो जीने का मतलब भूल गए इसे पढ़ जीना शुरू करदे तभी........

माँ जीवन मे अनमोल है

माँ जीवन मे अनमोल है माँ मीठे पियार के बोल है, माँ अंधेरे का उजाला है माँ पियार के रस से भरा पीयाला है, माँ है तो सब कुछ निराला है साथ चालू गर माँ के खुल जाता बंद हर एक टाला है, माँ के चर्नो मे चारो धाम है माँ ही सुबह और माँ ही शाम है, माँ की गोध मे संसार है माँ की आँखों से बरसता अनंत पियार है, माँ तू जगदंबा है हमारे आगे खड़ा हुआ खंबा है, जो हर धूप छाँ से हमे बचाती है गोध मे सिर रख हमे सुलाती है माँ तू विस्तार है माँ तू गीता का सार है, माँ संवेदना है माँ तू चेतना है, माँ का सर पर हाथ है तो सब आसान है माँ है तो सर पर आसमान है, माँ तू महान है माँ तेरे चर्नो को मेरा शत शत प्रणाम है तू है तो मुझमे जान है वरना सब कुछ बेज़ुबान है……. माँ तू महान है…….

तुमसे बेहतर ये तनहाईयाँ हैं

तुमसे बेहतर ये तनहाईयाँ हैं बिना बताए छोड़ कर नहीं जाती.....

सवालों के कठग्रे में खड़े रहना चाहते है हम

सवालों के कठग्रे में खड़े रहना चाहते है हम क्योंकि जवाब जितने भी मिल जाएँ सवाल उतने ही बढ़ाते हैं हम.............