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Showing posts from October, 2018

दोस्त कहते हैं खुद को पर खुदा से लगते हैं मुझको

कामीने है साले जब भी खाली होते हैं तभी मिलने आते हैं, पर सच तो ये है ....... जब आकर गले लगाते हैं अजब सा हक़ जता गम से भरा दिल पिघला जाते हैं दोस्त कहते हैं खुद को पर खुदा से लगते हैं मुझको 

दुआओं की कमी सी लग रही है देना यारों ज़िंदगी साँसों के बीच अटक रही है ............

दुआओं की कमी सी लग रही है देना यारों ज़िंदगी साँसों के बीच अटक रही है ............

प्रकृति की रूह उदास है हर साँस मे प्रदूषण का वास है........

प्रकृति की रूह उदास है हर साँस मे प्रदूषण का वास है........

साँसे बेख़बर है....

दुआओं में किसी अपने की घेहरा असर है जान नही मुझमें मगर.....साँसे बेख़बर है.... हर पल टूट रहा हूँ जाने कैसे सब्र है, दिल कुछ खुवाहिशे बाकी हैं शायद जुड़ा उन्हीं से ये सफ़र है, होना है जो वो होगा ही बस मन सब कह पा रहा है इसलिए ज़िंदगी ज़फ़र है................

हर साल उस रावन को क्या मारते हो जो मर कर आज भी ज़िंदा है

हर साल उस रावन को क्या मारते हो जो मर कर आज भी ज़िंदा है जिसने माँ सीता का हरण भले ही किया परंतु उनकी इच्छा की विरुध उन्हें कभी हाथ नही लगाया परिणाम! पाप का अंत तो हम आज भी बार- बार उस ही रावन को क्यों मारे यदि मारना ही है , तो आज के उस रावन को मारो जो सीता हरण तो करता ही है और उसे दरिंदे की तरह नोच नोच कर मार  डालता है या अधमरी हालत में ज़िंदा मरने के लिए छोड़ खुद वो जानवर दूसरे शिकार की तलाश में आज़ाद घूमता है......... विजयदशमी की हार्दिक शुभ कामनाएँ

हर साँस मे मन के शब्दों को उतार मैं खुद को पूर्ण पाता हूँ वरना कुछ भी करलूँ दुनिया की भीड़ में खुद को अधूरा ही पाता हूँ ....

हर साँस मे मन के शब्दों को उतार मैं खुद को पूर्ण पाता हूँ वरना कुछ भी करलूँ दुनिया की भीड़ में खुद को अधूरा ही पाता हूँ ....

सवाल तुम्हारी तकलीफ़ का क्या है नाम? जवाब बस बिना जाने लगालेना दूसरों की बातों का अनुमान

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पूजे नौ देवी या सिर्फ़ नारी का रखे मान.... बात छोटी है पर सच्ची है

नवरत्रों में पूजा भले ही ना करें पर करें हर साँस मे नारी का सम्मान, कलयुग में उस युग को फिर लेकर आएँ जहाँ माँ के आशीर्वाद पर इतरता था इंसान, पूजे नौ देवी या सिर्फ़ नारी का रखे मान.... बात छोटी है पर सच्ची है पत्थर की मूर्ति को छोड़ माँ के दिल में झाँक कर देखो माँ बहुत रोती है ख़ौफ़ में हर बच्ची है.......... नवत्रो की हार्दिक शुभ कामनाएँ sonalinirmit

अब समझ आया जंग और लड़ाई में फ़र्क क्या होता है जंग खुद से होती है और लड़ाई अपनो से...... शायद इसलिए मैं जंग तो जीत आया पर लड़ाई में हार गया ..............

अब समझ आया जंग और लड़ाई में फ़र्क क्या होता है जंग खुद से होती है और लड़ाई अपनो से...... शायद इसलिए मैं जंग तो जीत आया पर लड़ाई में हार गया ..............

किस भीड़ का आज हिस्सा हूँ मुझे एहसास नही मेरे कदम चल ज़रूर रहें हैं मगर मज़िलों पर अब विश्वास नही...............

किस भीड़ का आज हिस्सा हूँ मुझे एहसास नही मेरे कदम चल ज़रूर रहें हैं मगर मज़िलों पर अब विश्वास नही...............

बेटी को जन्म दे ...... मुझे मिला स्वर्ग है

उड़ने वाली मैं आँधी नही थम जाए जो मैं वो लम्हा नही निरंतर चलती रहती हूँ क्योकि मैं फ़ितरत की मारी हूँ मैं आज के दौर की नारी हूँ मैं भुजे दीपक की कोसी भाप हूँ मैं अपने ही नृत्य की थाप हूँ मुझे अपने बिटिया होने पर गर्व है बेटी को जन्म दे ...... मुझे मिला स्वर्ग है

सवाल उठाते लोग जो पहले नही सोचा वो अब क्यों जवाब देता मुसाफिर तब मे गुमराह था मेरे आज में मैं हूँ

सवाल उठाते लोग जो पहले नही सोचा वो अब क्यों ? जवाब देता मुसाफिर तब मे गुमराह था मेरे आज में मैं हूँ 

घमंड तो इंसान को सांसो को भी नही करना चाहिए पैसा तो चीज़ ही क्या है ..............

घमंड तो इंसान को सांसो को भी नही करना चाहिए पैसा तो चीज़ ही क्या है ..............

भीतर छुपे आनंद की संसार में खोज है यक़ीनन ..... ज़िंदगी इसलिए भोझ है ...

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