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Showing posts from May, 2017

जिसे मैं ढूँढती रही

जिसे मैं ढूँढती रही दर बदर वो मुझे मिला मेरे ही घर, परख में फरख का फासला जिस दिन ख़त्म किया, जो मिला है .......... उसे अपना कर जीना शुरू किया..........

एक सवाल

एक सवाल आज नही तो कल मन में आ ही जाता है आख़िर लड़की होना गुनाह क्यों बन जाता है................

मन क्यूँ रुआंसा है

मन क्यूँ रुआंसा है हर ओर लगता धुआंसा है फूल खिल रहें हैं पर मेरा दम घुट रहा है हर ओर उजाला है पर मेरे मन का दीपक बुझ रहा हैं चिड़िया चहक ती है तो लगता है मुझ पर हस्ती है मेरे मन सुकून जाने क्या मुझसे कह रहा है........ खुद को ही आज पढ़ नही पा रही हूँ जिस रह पर नही चलना चाहती उस पर चलती जा रही हूँ..............

खुवाहिश रखतें हैं

मुक्कम्मल जहाँ की खुवाहिश रखतें हैं   हम सोचते हैं की हम बहुत सस्ते हैं . . . . . . . . . . . .  

मैं फिर भी ज़िंदा हूँ

मैं फिर भी ज़िंदा हूँ मौत से मिलकर किसी को मार देना , फिर भी आसान है जीते   जी किसी के ज़मीर को मार कर , उसे ज़िंदा रहने पर मजबूर कर देना क्या कहूँ ....... मैं......क्या कहूँ वो एक लाश है हर जगह है शमशान जिस्म तो ज़िंदा है पर मर गया भीतर बैठा इंसान , देखती है वो हर ओर नज़र आता है अंधेरा उसके जीवन में वो रात रह जाती है जिसका नही हो पाता कोई सवेरा , जीती है फिर भी वो क्योंकि साँसों का हिसाब पूरा हुआ नही मर कर उसने इंसाफ़ पाया तो क्या जो ज़िंदा रह कर , जीया ही नही................ मैं फिर भी ज़िंदा हूँ धन्यवाद

ठहर जा बच्पन

ठहर जा बच्पन https://www.youtube.com/watch?v=OWdnw2E9fTo

खुश नसीब समझती हूँ खुद को जो इतने दोस्त मिलें

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मैं तुझे इतना चाहूँ

मैं तुझे इतना चाहूँ कि देख आसमाँ झुक जाए तुझे मेरे सिवा कोई ना देख सके तू मेरे प्यार में इस कदर डूब जाए , जहाँ तक महके फ़िज़ा खुश्बू तेरी ही उड़े, तेरे दिल से निकली हर मुराद खुदा पूरी करे, मेरा हर जन्म तेरे नाम हो सनम, तुझे प्यार करते करते मेरा हर जन्म कटे .............

माँ

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सैनिक की रूह

सैनिक की रूह से आज हुई मुलाकात अमर होने के बाद भी क्या खूब रखते हैं वो जज़्बात , कहते है ना जला तू मेरी याद में एक भी मोमबत्ती हमे नही चाहिए ये हमदर्दी, हम तो ख़ुसनसीब हैं जो नसीब हुई देश के जवान की वर्दी, और तिरंगे ने हमे छू कर, अमर घोषित कर हमारी हर मुराद पूरी करदी, हमारे देश के वासियों हम केवल देश हित चाहते हैं तुम यदि वीर को सम्मान देना ही चाहते हो............. तो देश को अपना कीमती वक़्त दो ज़्यादा नही दे सकते तो थोड़ा दो, क्योंकि हमें आपका सलाम नही देश की सलामती चाहिए, वीरों की याद में आपका नमन नही देश का अमन चाहिए .............. जय हिंद

उनको अपना बनाने की चाह मैं

उनको अपना बनाने की चाह मैं जिस दिन खुद को बदला, उनकी चाहते बदल गई...................... हमने सपने देखे थे .........उनके साथ उगते सूरज के, हमारी तो रातें ही ढल गई.................

bina kuch kie ye zindagi mil sakti hai, uska fal nahi

दिन बीत जाते हैं वक़्त भी गुज़र जाता है

दिन बीत जाते हैं वक़्त भी गुज़र जाता है गर साथ हों कुछ दोस्त सुकून नज़र आता है, इसलिए नही की हम उन्हें पसंद कर दिल में जगह देते हैं, बल्कि इसलिए कि.............. वो हमें हम जैसे भी हों स्वीकार कर साथ रहने की वजह देते हैं................

काँटा माली से कहता है

काँटा माली से कहता है आप जिस गुलाब की हर वक़्त तारीफ करते हो......... माना हम वो गुलाब नही ............ मगर हम इतने भी खराब नही की हमारा ज़िक्र ही ना हो क्योंकि ये गुलाब जब जब मुस्कुराता है ये काँटा उसकी उम्र बढ़ाता है.............