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Showing posts from March, 2019

हमे ही वो छोड़ चले थे बावजूद हमसे ही निभा रहे वो नफ़रत के रिश्ते थे.....

हमसे ही आरज़ू थी उनकी हमसे ही उन्हें शिकवे थे हमे ही वो छोड़ चले थे बावजूद हमसे ही निभा रहे वो नफ़रत के  रिश्ते थे........... हम से वो धोका कर रहे थे खुद से वो लड़ रहे थे....... ज़िंदगी की गाड़ी जो आसां थी उसे वो बेबुनियादी बातों से नज़ाने क्यों गड़ रहे थे...................

तुझसे बिछड़ने के गम को लेकर हम इस दुनिया से नही जाएँगे हमे विश्वास है हमारे रब पर वो हमे एक बार फिर मिलाएँगे..... ये तो ज़िंदगी की भेड़चाल थी जो हम कल साथ थे आज नही मिसाल जो हमारी दोस्ती की कायम है उसे ये वक़्त के पन्ने क्या हिलाएँगे............

तुझसे बिछड़ने के गम को लेकर हम इस दुनिया से नही जाएँगे हमे विश्वास है हमारे रब पर वो हमे एक बार फिर मिलाएँगे..... ये तो ज़िंदगी की भेड़चाल थी जो हम कल साथ थे आज नही मिसाल जो हमारी दोस्ती की कायम है उसे ये वक़्त के पन्ने क्या हिलाएँगे............

हर सुबह की दोपर है दोपर की शाम शाम को ओट लेती रात फिर नई सुप्रभात, यदि ज़िंदगी को भी इसी नज़रिए से चलाएँ तो विचार रहेंगे आज़ाद..... कि कभी मुस्कुराहट है कभी है दिल हताश कभी ज़िंदगी स्थिर है कभी कदम छूते आकाश............. परिस्थितियाँ बेशक बदलती रहे बस ज़िंदगी की गाड़ी चलती रहे............

हर सुबह की दोपर है दोपर की शाम शाम को ओट लेती रात फिर नई सुप्रभात, यदि ज़िंदगी को भी इसी नज़रिए से चलाएँ तो विचार रहेंगे आज़ाद..... कि कभी मुस्कुराहट है कभी है दिल हताश कभी ज़िंदगी स्थिर है कभी कदम छूते आकाश............. परिस्थितियाँ बेशक बदलती रहे बस ज़िंदगी की गाड़ी चलती रहे............

प्रेम की उड़ी लहर आओ मिलकर गुलाल लगाएँ, फिर आया त्योहार रूठो को मनाने का..... चलो गुंजिया की मिठास से फिर दिल मिलाएँ, सभी को होली की हार्दिक शुभ कामनाएँ.....

प्रेम की उड़ी लहर आओ मिलकर गुलाल लगाएँ, फिर आया त्योहार रूठो को मनाने का..... चलो गुंजिया की मिठास से फिर दिल मिलाएँ, सभी को होली की हार्दिक शुभ कामनाएँ.....

नए नए पड़ाव है हर पल साँसों में खिचाव है , हम जिस पल सोचते है बस अब और नही... उस ही पल से शुरू हो जाती है एक परीक्षा नई.........

नए नए पड़ाव है हर पल साँसों में खिचाव है , हम जिस पल सोचते है बस अब और नही....... उस ही पल से शुरू हो जाती है एक परीक्षा नई.........

लंबा सफ़र तय किया है हमने आसमाँ को छूने का मंज़िल के हर पड़ाव को हम करीब से महसूस करना चाहते हैं.........

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हम मुक़द्दर से नही माँ के घर निकलते हैं शायद यही वजह हो हमारे रास्तों पर कितने भी काँटे हो मंज़िल पर फूल ही मिलते हैं......

हम मुक़द्दर से नही माँ के घर निकलते हैं शायद यही वजह हो हमारे रास्तों पर कितने भी काँटे हो मंज़िल पर फूल ही मिलते हैं......

माँ बाबा की दुआओं का असर ही काफ़ी है गुरु की हम पर पड़ जाए वो नज़र ही काफ़ी है, छूँ कर आसमां ना जाने हम इतराते है किस गुमान में, उन्ही को नज़र अंदाज़ कर जिनके आशीर्वाद ही..... हमारे सच्चे साथी हैं.........

माँ बाबा की दुआओं का असर ही काफ़ी है गुरु की हम पर पड़ जाए वो नज़र ही काफ़ी है, छूँ कर आसमां ना जाने हम इतराते है किस गुमान में, उन्ही को नज़र अंदाज़ कर जिनके आशीर्वाद ही..... हमारे सच्चे साथी हैं.........

ना वहम का कोई इलाज है ना एहम से टिका कोई ताज है, जो साथ चले इनके वो तो बिल्कुल ही ला इलाज है ..........

ना वहम का कोई इलाज है ना एहम से टिका कोई ताज है, जो साथ चले इनके वो तो बिल्कुल ही ला इलाज है ..........

दिल में वो रहते हैं जिन्हें हम नज़र नही आते उनका प्यार हम नही बावजूद हमें वही है भाते, ये दिल की दिल्लगी अजीब है कुछ समझती नही कि नज़रे ढूँढे उनकी जिन्हे वो हम नही और हम सब जान कर भी साँसे नाम करके उनके छेड़े बैठे खुद से ये जंग नई.......

दिल में वो रहते हैं जिन्हें हम नज़र नही आते उनका प्यार हम नही बावजूद हमें वही है भाते, ये दिल की दिल्लगी अजीब है कुछ समझती नही.......... कि नज़रे ढूँढे उनकी जिन्हे वो हम नही ............... और हम ..........सब जान कर भी साँसे नाम करके उनके छेड़े बैठे खुद से ये जंग नई.......

तुम अच्छी हो या मेरी किस्मत.... मैं नारी हूँ तो मिली जन्नत.........

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गर मैं कुछ कर पाता हूँ यकीं है मुझे तेरी कृपा के दाएरे में मैं आता हूँ...

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कदमों को इंतेज़ार है तेरा तू आवाज़ लगाले, स्वॅम आ नही पाएँगे गुज़ारिश है तू मिलने का बहाना बनाले, मिटा ले गिले शिकवे बिन तेरे दिल को सुकून नही तेरे साथ ही हैं ज़िंदगी के असली मज़े बिन तेरे तो साँसों को भी चलने का जुनून नही.........

कदमों को इंतेज़ार है तेरा तू आवाज़ लगाले, स्वॅम आ नही पाएँगे गुज़ारिश है तू मिलने का बहाना बनाले, मिटा ले गिले शिकवे बिन तेरे दिल को सुकून नही तेरे साथ ही हैं ज़िंदगी के असली मज़े बिन तेरे तो साँसों को भी चलने का जुनून नही.........

नाली में बहा कर दूध शिव को ना मनाएँ, किसी ज़रूरत मंध को पीला कर दूध ले उसकी दुआएँ, शिव एक भाव है उस भाव का उत्सव मनाएँ, वो भाव प्रेम और समर्पण से मिलता है इसलिए उस भक्ति को अपना कर आपसी प्रेम - भाईचारे से देश को आगे बढ़ाएँ........ हर हर महादेव सबसे उँचा हमारा स्वदेश

नाली में बहा कर दूध शिव को ना मनाएँ, किसी ज़रूरत मंध को पीला कर दूध ले उसकी दुआएँ, शिव एक भाव है उस भाव का उत्सव मनाएँ, वो भाव प्रेम और समर्पण से मिलता है इसलिए उस भक्ति को अपना कर आपसी प्रेम - भाईचारे से देश को आगे बढ़ाएँ........ हर हर महादेव सबसे उँचा हमारा स्वदेश