सैनिक की रूह

सैनिक की रूह से आज हुई मुलाकात
अमर होने के बाद भी क्या खूब रखते हैं वो जज़्बात ,

कहते है ना जला तू मेरी याद में एक भी मोमबत्ती
हमे नही चाहिए ये हमदर्दी,
हम तो ख़ुसनसीब हैं
जो नसीब हुई देश के जवान की वर्दी,
और तिरंगे ने हमे छू कर, अमर घोषित कर
हमारी हर मुराद पूरी करदी,

हमारे देश के वासियों

हम केवल देश हित चाहते हैं
तुम यदि वीर को सम्मान देना ही चाहते हो.............
तो देश को अपना कीमती वक़्त दो
ज़्यादा नही दे सकते तो थोड़ा दो,

क्योंकि
हमें आपका सलाम नही
देश की सलामती चाहिए,
वीरों की याद में आपका नमन नही
देश का अमन चाहिए ..............
जय हिंद

Comments

Popular posts from this blog

ग़लत फैमिय|

THINK POSITIVE