मैं फिर भी ज़िंदा हूँ
मैं
फिर भी ज़िंदा हूँ
मौत
से मिलकर किसी को मार देना, फिर भी आसान है
जीते जी किसी के ज़मीर को मार कर, उसे ज़िंदा रहने पर मजबूर कर देना
क्या
कहूँ ....... मैं......क्या कहूँ
वो
एक लाश है
हर
जगह है शमशान
जिस्म
तो ज़िंदा है
पर
मर गया भीतर बैठा इंसान,
देखती
है वो हर ओर
नज़र
आता है अंधेरा
उसके
जीवन में वो रात रह जाती है
जिसका
नही हो पाता कोई सवेरा,
जीती
है फिर भी वो
क्योंकि
साँसों का हिसाब पूरा हुआ नही
मर
कर उसने इंसाफ़ पाया तो क्या
जो
ज़िंदा रह कर, जीया
ही नही................
मैं
फिर भी ज़िंदा हूँ
धन्यवाद
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