माँ जीवन मे अनमोल है माँ मीठे पियार के बोल है, माँ अंधेरे का उजाला है माँ पियार के रस से भरा पीयाला है, माँ है तो सब कुछ निराला है साथ चालू गर माँ के खुल जाता बंद हर एक टाला है, माँ के चर्नो मे चारो धाम है माँ ही सुबह और माँ ही शाम है, माँ की गोध मे संसार है माँ की आँखों से बरसता अनंत पियार है, माँ तू जगदंबा है हमारे आगे खड़ा हुआ खंबा है, जो हर धूप छाँ से हमे बचाती है गोध मे सिर रख हमे सुलाती है माँ तू विस्तार है माँ तू गीता का सार है, माँ संवेदना है माँ तू चेतना है, माँ का सर पर हाथ है तो सब आसान है माँ है तो सर पर आसमान है, माँ तू महान है माँ तेरे चर्नो को मेरा शत शत प्रणाम है तू है तो मुझमे जान है वरना सब कुछ बेज़ुबान है……. माँ तू महान है…….