किस भीड़ का आज हिस्सा हूँ मुझे एहसास नही मेरे कदम चल ज़रूर रहें हैं मगर मज़िलों पर अब विश्वास नही...............
किस भीड़ का आज हिस्सा हूँ
मुझे एहसास नही
मेरे कदम चल ज़रूर रहें हैं
मगर मज़िलों पर अब विश्वास नही...............
मुझे एहसास नही
मेरे कदम चल ज़रूर रहें हैं
मगर मज़िलों पर अब विश्वास नही...............
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