हरी नाम में मन लागे.. हर सांस तुझे संग राखे.. तू है तो सब है तू नहीं तो मेरी लाज कौन राखे.. तू रूप में सब जगह तू रूह में है रमा हुआ.. तू है हर रंग में ओ मेरे कन्हिया""". मैं तो हूं ही पर मुझे यकीं है...... तू स्वॅम भी है मेरे संग में...... जय जय श्री राधे
औरत को दर्जा देकर तुम क्या सोचते हो? तुमने वक्त बदल दिया... तुम उस औरत को दे ही क्या सकते हो..? ज़रा सोच कर देखो मानव.. जिसने तुम्हें जन्म दे तुम्हारा आज दीया..
दिल की हर धड़कन में तुम हो मेरे मन के दर्पण में तुम हो तुम हो मेरी जिंदगी के हर लम्हें में मेरा तो चांद भी तुम ही हो तुम हमे मिल जाओ .. इससे बड़ा और क्या ख्वाब पूरा होगा गर ना भी हुआ तो कोई बात नही हमारा प्यार ता उम्र तुम्हारे ही खिताब होगा....
आंसू ना दिखा एक भी जिसकी आंख में छिपाए बैठी वो समुंदर थी.. जितनी सादी वो बाहर से थी उतनी गहरी अंदर थी.. मन की पीड़ा कह नही पाई ज़माने को हसाती थी.. जाने कौनसा हौसला था भीतर उसके जिससे वो हर हाल में आगे बढ़ जाती थी..
कभी सोचा तुमने कुछ तो बात थी आखिर ज़रा तो कद्र कर लेते मेरे भी जज़्बात की मैने कितना कहा था.. पर तुमने सुना नहीं मैंने दिल से चाहा था पर तुमने सच्चे प्यार को चुना नही.. SONALINIRMIT