वो धूप में खड़ी रह कर मेरा इंतेज़ार करती , मुझे पसीने में लिपटा देख भी प्यार करती मेरी एक मुस्कुराहट के लिए घंटों नाच करती , माँ मेरी मुझसे बहुत प्यार करती , माँ , मैं देश विदेश घूम रहा हूँ किस तरह तुझे हर पल ढूँढ रहा हूँ , उसका छोटा सा व्याख्यान करना चाहता हूँ माँ इस चिट्ठी में , कुछ लम्हें तेरे नाम करना चाहता हूँ , माँ के हाथ के बने खाने के लिए हर जगह तरस जाता हूँ नींद तो बहुत दूर की चीज़ है कोई प्यार से पुकार दे , तो उसमें तुझे ढूँढ उस पर बरस जाता हूँ क्या बताउँ माँ फ़ोन पर तेरे दो शब्द सुनने के लिए ही फोने मिलता हूँ ' बेटा तूने खाना खाया ' ये सुन कर ही पेट भरा पाता हूँ हर शक्स की आँखों में ...