रोज़ अख़बारो की सुर्खियाँ गंभीर रोज़ नोचते वो हमारा शरीर फिर भी लड़ना पड़ता है अदालत मैं साबित करना पड़ता है, अधमरी हालत में गिरते पड़ते साबित कर भी दें तो शैतान को हक़ है उच्च न्यायाले में गुहार करने का हे न्याया धीश हमे भी दिखा दो कोई रास्ता बेआबरू पूर्व शरीर ज़िंदा करने का.........


रोज़ अख़बारो की
सुर्खियाँ गंभीर
रोज़ नोचते वो हमारा शरीर

फिर भी लड़ना पड़ता है
अदालत मैं साबित करना पड़ता है,

अधमरी हालत में गिरते पड़ते साबित कर भी दें
तो शैतान को हक़ है
उच्च न्यायाले में गुहार करने का
हे न्याया धीश हमे भी दिखा दो कोई रास्ता
बेआबरू पूर्व शरीर ज़िंदा करने का.........

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