भगवान की रचाई हर चीज का हम अनादर करने लगे थे चाहे वो प्राकृति हो या इंसा अब ऐसा सबक मिला है खुद को जिंदा रखने के लिए रोज़ लड़ रहा है इंसा छोड़ कर तू गया है मैं नहीं याद रखना तू वजूद लेकर जा सकता है एहसास नहीं या तो तुम बदल गए या मैं बदल गई कुछ तो पलटी खाई है किस्मत ने तुम्हारा पता नहीं मैं तो ढल गई
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