मिट्टी माथे से लगाके मैं भारत पर इतराता हूं जय हिन्द

नमन हर सांस में चाहता हूं
 अमन हर नज़र में चाहता हूं 
श्रवण हूं मैं धरती मां का 
प्यार के गीत मैं गाता हूं 
इश्क करता हूं तिरंगे से
 सीमा से लिपट जाता हूं
 मिट्टी माथे से लगाके मैं 
भारत पर इतराता हूं
 जय हिन्द





 

Comments

Popular posts from this blog

वो साथ गुजारे वक्त को इस तरह आहें भर कर छोड़ गए लम्हा दर लम्हा ...तिनका दर तिनका ... जो पल ...सीए थे हमने सबभी तोड़ गए....