बिन तुम्हारे

हम आज भी
उन्हीं पलों में जीते हैं
जिनमें हम सिर्फ तुम्हारी बातों को सीतें हैं
मेरे सनम तुम हमारे हर लम्हें में हो..
हम कैसे यकीं दिलाएं बिन तुम्हारे
अब तक
जिंदगी के पल कैसे बीते हैं..





 

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