भूल जाओ क्या गलत क्या है सही..

क्या हुआ वक्त से रूठ गए क्या ?
 अपने ... छूट गए क्या ? 
सब्र से ... दोस्ती नहीं रही ?
 सांसे महंगी हो गई ? हां !!

वाक्य जीवन बहुत कठिन.. 
पल पल में जतन है 
पर सांसों से नही... 
परिस्थियों से
 पर ये रीत चलती आ रही है सदियों से 
इसलिए सासों की कद्र करो
 जो तुम्हारे हाथ में नहीं है उसे स्वीकार कर 
मुश्किल वकत में भी 
मुस्कुरा कर बशर करो
क्योंकि जो तुम्हारे पास है। वो भी बहुतों के पास नही
जो है वो बहुत बढ़िया है 
भूल जाओ क्या गलत क्या है सही..








 

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