कोई शाम तेरी याद बिना गुज़रती नही
कोई शाम तेरी याद बिना गुज़रती नही
गम ये है कि.... तू मुझे मिलती नही....
तेरा चेहरा मेरे चेहरे का पेहरा है.
मेरे होठों पर नाम सिर्फ़ तेरा है
चुटकी भर सिंदूर करता तुझसे गुज़ारिश है।
माँग में भर ले इसे हर खुशी तुझ पर वारी है।
तेरे कंगन की खनक मुझे सोने नही देती
तुझसे मिलने की तलप को
और भी भर देती
एक बार भर के देख मुझे अपनी बाहों में
फूलों से भर दूंगा तू रखे कदम जिन राहों मे
कोई शाम तेरी याद बिना गुज़रती नही
गम ये है कि...
तू मुझे मिलती नही......
SONALINIRMIT
Comments
Post a Comment