वो भीतर था मेरे

 मैं ढूंढ में उसकी निकल गई..

वो इंतज़ार में मेरी था बैठा हुआ..

 मैं दर बदर, घर घर बिचल गई 

वो भीतर था मेरे

जिसे मैं खुदा कहता रहा।

 कि शक्ति है वही.. 

मंजिल है वही.. 

रास्ता भी सही.. 

वो जहां है वो है वहीं 

बस चलना चाहता नहीं.. हर कोई..



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