ज़िन्दगी तृप्त तो, आत्मा भी तृप्त ..

किसी के जाने का क्यों इंतज़ार करते हो..
जीतेजी कहो ना कितना प्यार करते हो..
आत्मा की तृप्ति के लिए ..
इतने जतन क्यों करते हो..
जीतेजी थोड़ा वक्त
निकाल कर सुनहरे लम्हें साथ बिता लो ना
ज़िन्दगी तृप्त तो, आत्मा भी तृप्त ..
ये बात खुद को
समझा लो ना..





 

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