एक ज़माना था..



एक ज़माना था... जब कहा जाता था ... सुख जितना बाटों बढ़ता है। दुख जितना बटों उतना कम होता है.. और एक ज़माना आज है सुख मत बाटों नज़र लग जाएगी.. और दुख मत बताओ लोग क्या सोचेंगे....

 

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