happy valentine day 2021


कमाल है ना दोस्ती का भी
मिले दो दोस्त
पचास साल बाद
खिल उठा बच्चपन
पुरानी यादों के साथ
लाजवाब था हर लम्हा
जो बिताया था 
आंखों ही आंखों में जिसे देख सजाया था
उन पलों को याद कर
कुछ हम ज़िंदा हुए
कुछ सपने फिर बोए
हर छोटी छोटी बात 
मुस्कुराहट ले आती है
जाने उन बातों से कैसी तरावट छा जाती है
की हम आज को भूल
 बचपन से मिल गए
किसी को हमारे होने का आज भी इंतजार है
ये सोच कर हम खिल गए




स्वम से रूबरू होने की ख्वाहिश थी
इस चाहत ने दरबदर ठोकरें खिलाई थी
बहुत सी खुवाहिशो से मिला
पर उस तत्व से कहीं ना कहीं जुदाई थी ...
जिसमें सुकून के इलावा....
सब चीज़ की कमाई थी...
मैं हार कर जब घर लौटा ....
उस सुकून ने मेरे स्वागत में बाहें फैलाई थी
मेरी मां मैं जहां घूम आया
पर जन्नत तेरे प्यार ने ही दिखाई थी...




 

Comments

Popular posts from this blog

अब समझ आया जंग और लड़ाई में फ़र्क क्या होता है जंग खुद से होती है और लड़ाई अपनो से...... शायद इसलिए मैं जंग तो जीत आया पर लड़ाई में हार गया ..............