होड़......... दो छोड़

मैं तुम्हारे पीछे चलू या तुम मेरे आगे
बात एक ही है
क्योंकि कदम कभी एक साथ नहीं चलते
उनका एक होना ही काफी है
इसलिए आगे-पीछे की होड़......... दो छोड़
ज़िन्दगी अभी बहुत बाकी है..




 

Comments

Popular posts from this blog

ग़लत फैमिय|

THINK POSITIVE