यूं ही थामे रहना तुम... मेरा हाथ...
नज़रिया..
आ तुझे कैद कर लेता हूं ...
ऐ वक्त
अब तो तुझे डूबता देख भी...
मेरी उम्मीदें उगने लगती हैं.....
यूं ही थामे रहना तुम...
मेरा हाथ...
नाराज़ ना होना कभी....
केह देना चाहे जो हो
मन की बात..
मैं तुम्हे चाहता हूं ....दिलों जान से..
बड़ी मन्नतों के बाद पाया है
तुम्हें भगवान से..
Comments
Post a Comment