मोहब्बत
गूंज है बाली की
पायल की छन छन है..
ये कैसा असर है उनका
खिल गया तन मन है
मिलेंगे तो खिलेंगे यकीं है
मिलेंगे तो खिलेंगे यकीं है..
हां हैं...वो यहीं है..
हां वो... हर कहीं हैं...
मोहब्बत
तू खुद को ढूंढ के देख मैं दिख जाऊंगा मैं तुझे में ही तो हूं मिल जाऊंगा
तुम्हारा इंतज़ार है तुमसे बेहद प्यार है रूह तुझमें रमने को बेकरार है
आजा सनम
मेरी हर धड़कन तेरी मोहब्बत की कर्जदार है

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