बचपन

जब छोटा था तब लगता था..
मैं कब बड़ा होऊंगा
ये घड़ी कब तेज़ी से मेरे साथ भागेगी..
मैं बड़ा भी ..हो गया घड़ी तेज़ी से भाग भी रही है
पर अब मेरी नज़र जाने क्यों....
बचपन में झांक रही है..




 

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