ये दुनिया अद्भुत है

कहीं दर्द है
तो कहीं दुआ है
कहीं डोली है तो कहीं अर्थी है
कहीं मजबूरी है तो कहीं चाह है
ये दुनिया अद्भुत है...
जो निकल गया ...सो निकल गया
बस... वो उलझ गया
जिसको सबकी परवाह है...





 

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