मां


मां...
समझा नहीं मैं तेरी मोहब्बत की छाया
जब से देखा तुझे को ...खुद को तुझमें ही पाया...
मैंने खुद को ढूंढा जग में ......तू जानती थी पर
फिर भी .....तूने मुझको कभी नहीं जताया
ये कैसी मोहब्बत है तेरी मां...
मैं कभी यहां ...कभी वहां .....
पर तूने सदा मुझको अपने दिल से लगाया...




 

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