love


थे वो आए इस तरह
की जब लौटे
महक रहा था हमारा आंगन
उनके औरे से हर जगह....



एक तरफा इश्क भी कमाल है
 मंज़िल का पता नहीं 
दिल बेहाल है 
ताजुब की बात ये है कि 
वो टकराए हमसे तो पूछते हैं 
कहो क्या हाल है


वो आज की सी बात लगती है
धीमी सी आवाज़ के पीछे
धुंधली परछाई दिखती है
मन उसकी ओर चल पड़ता है
सब जानते हुए भी
मन ... मन से ही जंग करता है.


 

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