अनुभव को भी हैरानी है

उस वकत को क्या दोष दें अब
उसने तो फिर भी
हर हाल में साथ ही दीया है....






अनुभव को भी हैरानी है
ये वक्त की
कैसी मनमानी है
कि आखिर.. ज़िन्दगी तेरे
कितने पहलू हैं.. और
हर इक पहलू की
अपनी अलग ही कहानी है..



 

Comments

Popular posts from this blog

ग़लत फैमिय|

THINK POSITIVE