ये दर्द की आवाज़...

ये दर्द की आवाज़...
मुझे आज..
फिर क्यों तंग कर रही है..
जो बीत चुका है..
उसको याद कर. ..
मेरे आज को..
भंग क्यों कर रही है






आंसुओं ने आज
मेरे तन मन ऐसा धो दिया
मानो बरसो से नहाया ही नहीं था
दिल ऐसा रो दिया.....



 

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