मन की बात

लिख देते है हम जो भी मन की बात
तुम ये मत समझना
कि लिखते हैं।
तुमको करवाने के लिए एहसास ....
बल्कि लिखते हैं इस कारण
जो तुम कुछ भी कह कर
निकल जाते हो
और हम कह नहीं पाते
इस तरह हम
दबा पातें हैं वो एहसास......






वो कहते है
हम तुम्हे परख कर लाए थे

यदि ये सही है तो फिर
जब-जब हम ने दर्द छुपाया
उनको नज़र क्यों नहीं आया...






 

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