अनुभव


भूले नहीं हैं ये दिन
पर जाने कैसे जी रहे हैं
तुम बिन



लोग कहते हैं तुम्हारी कविताओं में दर्द क्यों है
अरे भई ....
अनुभव से मिलता है
तो लिखने में हर्ज क्यों है...


 

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