जय जय श्री राधे

सुना है तकदीर के लिखे को हम
 बदल नहीं सकते 
पर अनुभव ने ये सिखाया
 तकदीर लिखने वाले को अपने कर्मो से प्रभावित कर
 इच्छा सफल करने का प्रयास 
अवश्य है कर सकते..
जय जय श्री राधे



प्रभु की वंदना कर
आनंद की ना उलंगना कर

एक वही सत्य है भीतर या भार
जब पहचान लेगा
तभी से मिल जाएगा सुख का सार



 

Comments

Popular posts from this blog

ग़लत फैमिय|

THINK POSITIVE