Life experience
वो हमसे क्या शिकवा करेंगे
अब हमने तो पहले ही स्वीकार रखा है
हमारा ही कसूर है सब
आंसुओं कि ख्वाहिश थी
मैं बरसुं
हमने तड़पाया उन्हें
सज़ा अब मैं उनके लिए तरसुं
उन्हें आज भी अपने एहम से प्यार है
पर हमें अब बेवजह उनकी बात मानने से इंकार है
रास्ते उनके अकड़े हुए हैं
तो कोई बात नहीं
अब हम भी अपने फैसलों से जकड़े हुए हैं
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