anubhav
चेहरे की मुस्कुराहट उनकी
दिल में खलबली मचाती है
जिस भाषा से कभी परिचय ही ना था
मोहब्बत उस भाषा का हुनर
खुद ब खुद सिखा जाती है
जो लोग अपनो के साथ खेलते हैं
वो वक़्त आने पर तन्हाइयां झेलते हैं
और जो लोग
अपनो के लिए खिलते है
वो वक़्त आने पर अपनों के बीच ही मिलते हैं
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