TUM BIN ( MY 4TH BOOK )

ये कविताएँ हैं
 मेरी पहचान हर शब्द है
 एक  अनुभव समान
 कहीं कुदरत है
 कहीं रिश्ते है
 तो कहीं है मान-सम्मान
 कभी नादानी है,
 कभी परेशानी है
 तो कभी कलम भी
 है बेजुबान

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