inspiring
पता है हर पल हमारा एक नया जन्म होता है
हर पल से मिली शिक्षा में कोई ना कोई हल होता है
हम चाहे जो कर सकते हैं
हमारे हसोले में इतना बल होता है
पर फिर भी इंसान सिर्फ सोता है
बैठा बैठा ही सपने बोता है
और जब कुछ हासिल नहीं हो
तो सिर्फ किस्मत पर ही रोता है
मंजिलें हौसलों को देख इतराती थी
रुकावटें कितनी भी हों हिम्मत मार्ग दिखलाती थी
जुनून को हर सांस में...मैं भर
रास्ते से नज़रे मिलाती थी
मैं रुक जाऊं तो रगो में मंज़िल को पाने की चाहत
और बढ़ाती थी
मंज़िल कितना भी इतराती थी
पर मैं कभी नहीं घबराती थी
ये कविताएं हैं मेरी पहचान हर शब्द है इक अनुभव समान
कहीं कुदरत है कहीं रिश्ते है
तो कहीं है मान सम्मान
कभी नादानी है कभी परेशानी है।
तो कभी कलम भी है बेजुबान
समझ कर लिखने का प्रयास है
ज़िन्दगी अधूरी नहीं
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