अक्सर बहुत कुछ गवा बैठती हूं
इस लालच में
कोई मिल जाएगा
साथ देने वाला
हर हालत में
मैंने हर पल रास्तों पर
परेशानियां देखीं हैं
मैंने मंज़िल पर पहुंच कर तन्हाइयां भी देखीं है
मैंने अपनों में छिपी बेरुखी
मिल चुकी थी
जब मैं ख़्वाबों से
मैंने हर बात पर खामियां भी देखी है।
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