ए दोस्त गुज़ारिश है तुमसे
उतना ही निकलना
जितने की हो जरूरत
आज मन की बात कह देते हैं
शायद तुम्हें पता ना हो
तुम साथ हो यही वजह है
ज़िन्दगी है खूबसूरत
हम जी नहीं पाएंगे
बिन देखे तुम्हारी सूरत
हर इंसान में छिपी है मदर टेरेसा
हर इंसान में छिपा है कलाम
हर इंसान में छिपा है देश भक्त
हर इंसान में छिपा है शैतान
बस हमें ही करनी है पहचान
कि कैसे और किनसे सजाना है
हिंदुस्तान
कमाल है ना इस वक्त ...
वक्त ही बेशुमार है
और फिर भी हमे
वक़्त का ही इंतजार है
Comments
Post a Comment