TRUTH OF LIFE
हौसले की रूह मंज़िल से आवाज़ लगाती थी
मुझे मेरी ख्वाहिश बार बार याद दिलाती थी
कि चाहत है तुझे मंज़िल को पाने की
पहुंच जाएगी
मेरी हर फलक में तू है
हमारे एहसास में हम हैं
हमारी यादों में आज भी
तुम्हारे पास मिठाई नहीं
देने वाले का कोई हिसाब नहीं
सब क्मों का खेल है भई
इसके इलावा और
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