हक़ समझते थे अपनो पर तो हम शिकवे कर बैठे............ वो बैठे थे मौके की ताक में और डोर निकल गए................

हक़ समझते थे अपनो पर
तो हम शिकवे कर बैठे............
वो बैठे थे मौके की ताक में
और दूर निकल गए................

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