गुज़रता हूँ अक्सर शमशान से हो कर उछलते ख्यलातो के पैर थम जाते हैं डगमगाते कदम धरती पर टिक जाते हैं.... Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps April 22, 2019 गुज़रता हूँ अक्सर शमशान से हो कर उछलते ख्यलातो के पैर थम जाते हैं डगमगाते कदम धरती पर टिक जाते हैं.... Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps Comments
ग़लत फैमिय| June 12, 2017 ग़लत फैमियों का असर इतना गहरा पड़ा आज सूरज को भी देखती हूँ तो लगता है ये भी किसी स्वार्थ के कारण है खड़ा................... Read more
THINK POSITIVE June 14, 2020 इन्हें भी समझ आ गया है और हम हैं कि अभी भी समझ नहीं पा रहे हैं कमाल है उम्मीद के दिए जलाओ शांति के गीत गाओ धैर्य को अपनाओ मिलकर इस संकट को भगाओ Read more
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