जो माँ हमे मनाने को तरसती है वो घर में रहती है जिस माँ को हम मनाने को तरसते हैं वो मूर्ति में बस्ती है, अर्थात साक्षात्कार में विश्वास करो जय माता की

जो माँ हमे मनाने को तरसती है
वो घर में रहती है
जिस माँ को हम मनाने को तरसते हैं
वो मूर्ति में बस्ती है,
अर्थात
साक्षात्कार में विश्वास करो
जय माता की 

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