रोज़ आस- पास से गुज़रते अफ़सानो को मैं पन्नो पर क़ैद कर लेता हूँ ये शोंक नही है मेरा बस ज़िंदगी से सीखने का मेरा एक अलग अंदाज़ है................
रोज़ आस- पास से गुज़रते
अफ़सानो को मैं पन्नो पर क़ैद कर लेता हूँ
ये शोंक नही है मेरा
बस ज़िंदगी से सीखने का मेरा एक
अलग अंदाज़ है................
अफ़सानो को मैं पन्नो पर क़ैद कर लेता हूँ
ये शोंक नही है मेरा
बस ज़िंदगी से सीखने का मेरा एक
अलग अंदाज़ है................
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