रिश्ते तोड़ कर जीतेजी वो पहुँचा देता है शमशान फिर मैईयत पर पहुँच कर कौन सा रिश्ता निभाता है इंसान.........
रिश्ते तोड़ कर जीतेजी
वो पहुँचा देता है शमशान
फिर मैईयत पर पहुँच कर
कौन सा रिश्ता निभाता है इंसान.........
वो पहुँचा देता है शमशान
फिर मैईयत पर पहुँच कर
कौन सा रिश्ता निभाता है इंसान.........
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