जो आज है वो कल ढल जाएगा, जो आज रुक गया वो कल चल जाएगा, तू कर आज किसी के साथ धोकेबाज़ी कल तू भी छल जाएगा, बैर का बीज भी तू बो कर देखले वो तेरे लिए ही पल जाएगा, इसलिए मुसाफिर किसी को सुख नही दे सकता कोई नही बस दुख मत देना आज नही तो कल ......तेरा रब तुझे ज़रूर मिल जाएगा..........
जो आज है
वो कल ढल जाएगा,
जो आज रुक गया
वो कल चल जाएगा,
तू कर आज किसी के साथ धोकेबाज़ी
कल तू भी छल जाएगा,
बैर का बीज भी तू बो कर देखले
वो तेरे लिए ही पल जाएगा,
इसलिए मुसाफिर
किसी को सुख नही दे सकता कोई नही
बस दुख मत देना
आज नही तो कल ......तेरा रब तुझे
ज़रूर मिल जाएगा..........
वो कल ढल जाएगा,
जो आज रुक गया
वो कल चल जाएगा,
तू कर आज किसी के साथ धोकेबाज़ी
कल तू भी छल जाएगा,
बैर का बीज भी तू बो कर देखले
वो तेरे लिए ही पल जाएगा,
इसलिए मुसाफिर
किसी को सुख नही दे सकता कोई नही
बस दुख मत देना
आज नही तो कल ......तेरा रब तुझे
ज़रूर मिल जाएगा..........
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