बादशाहो की ज़िंदगी से ये हम किस गुलामी के दौर में आ गए, पानी महँगा खून सस्ता , शिक्षा , संस्कृति सब लुप्‍त हो रही है बस भारी रह गया है बस्ता........

बादशाहो की ज़िंदगी से
ये हम किस गुलामी के दौर में आ गए,
पानी महँगा
खून सस्ता ,
शिक्षा , संस्कृति सब लुप्‍त हो रही है
बस भारी रह गया है बस्ता........

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