खुद की तलाश में खुद को तराशना चाहता हूँ भीतर छुपे सत्य के साथ मैं खुद को लेकर भटकना चाहता हूँ.................. क्योंकि ढूँढ है उसकी नाव पर बैठा हूँ मैं जिसकी , वो कहता है तेरे भीतर हूँ तो मुझे छवि दिखती है किसकी...............
खुद की तलाश में
खुद को तराशना चाहता हूँ
भीतर छुपे सत्य के साथ मैं
खुद को लेकर भटकना चाहता हूँ..................
क्योंकि ढूँढ है उसकी
नाव पर बैठा हूँ मैं जिसकी ,
वो कहता है तेरे भीतर हूँ
तो मुझे छवि दिखती है किसकी...............
खुद को तराशना चाहता हूँ
भीतर छुपे सत्य के साथ मैं
खुद को लेकर भटकना चाहता हूँ..................
क्योंकि ढूँढ है उसकी
नाव पर बैठा हूँ मैं जिसकी ,
वो कहता है तेरे भीतर हूँ
तो मुझे छवि दिखती है किसकी...............
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