वाकिफ़ नही हुआ अभी तक तेरे असल अंदाज़ से ए ज़िंदगी, जब जब आगे बढ़ कुछ नया अपनाता हूँ किसी नई सोच के आगे फिर खुद को पता हूँ ........................
वाकिफ़ नही हुआ अभी तक
तेरे असल अंदाज़ से ए ज़िंदगी,
जब जब आगे बढ़ कुछ नया अपनाता हूँ
किसी नई सोच के आगे फिर
खुद को पता हूँ ........................
तेरे असल अंदाज़ से ए ज़िंदगी,
जब जब आगे बढ़ कुछ नया अपनाता हूँ
किसी नई सोच के आगे फिर
खुद को पता हूँ ........................
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