दिल से मुस्कुराह जीले हर ज़रराह

बाज़ार सज़ा है
पर एक बार दिल से सोच
आख़िर किसमे रज़ा है,

सुकून के पल
या बनावटी छल,

क्या खरीदने निकले
जो पास नही
जिसकी ज़रूरत है
वो तो बिकता भी नही.........

करले विचार
हर रोज़ है त्योहार,

दिल से मुस्कुराह
जीले हर ज़रराह,

दीपावली की हार्दिक शुभ कामनाएँ
आओ प्रेम के दीप जलाएँ 

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